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Benefits Of Walnut

अखरोट में है अद्भुत स्वास्थ्य लाभ, सेहत के लिए है गुणकारी

अखरोट में है अद्भुत स्वास्थ्य लाभ, सेहत के लिए है गुणकारी

अखरोट के अंदर बेहद लाभकारी गुण पाए जाते है , जो की स्वास्थ्य की लिए फायदेमंद होते है। अखरोट के अंदर मैग्नेसियम , विटामिन बी और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही अखरोट को प्रोटीन का सबसे अच्छा श्रोत माना जाता है। अखरोट के अंदर अन्य तत्वों की तुलना में एएलए ओमेगा एसिड की मात्रा 3 फीसदी ज्यादा पायी जाती है। एएलए ओमेगा एसिड शरीर के अंदर एलडीएल कैलेस्ट्रोल को कम करता है और शरीर में स्वस्थ कैलेस्ट्रोल के स्तर को बनाये रखता है।  

अखरोट हृदय के लिए भी बेहद लाभकारी साबित हुआ है। ये रक्तचाप के स्तर को संतुलित बनाये रखता है ,और हृदय से जुडी परेशानियों को कम करता है। ये खून में जमने वाले थक्कों की स्तिथि को भी नियंत्रित करता है।  ये शरीर को एंटीऑक्सीडेंट भी प्रदान करता है। अखरोट सूजन को कम करने के साथ साथ वजन को भी कम करने में सहायक रहता है। 

अखरोट को ब्रेन फ़ूड के नाम से भी जाना जाता है , क्योंकि अखरोट देखने में बिलकुल दिमाग के जैसे दिखता है। रोजाना अखरोट का सेवन करने से दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही अखरोट के अंदर प्रचुर मात्रा में कैलोरी पायी जाती है , इसीलिए इसका उपयोग संयम के साथ खाने के लिए कहा जाता है। 

आँत के स्वास्थ्य के लिए है बेहद फायदेमंद 

अखरोट में बहुत से पोषक तत्व ऐसे पाए जाते है , जिनके रोजाना आहार करने से आँतों में होने वाली सूजन और परेशानी को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही ये पेट से जुडी परेशानियों में भी राहत प्रदान करता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत बनाये रखता है। यह शरीर को अधिक मात्रा में पोषक तत्व भी प्रदान करता है। 

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याददाश्त को बेहतर मनाने में मदद करता है 

अखरोट का उपयोग याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए भी किया जाता है। अखरोट के अंदर पाए जाने वाले तत्व तनाव को दूर करने के लिए किया जाता है। अखरोट का सेवन करने से दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते है। अखरोट के अंदर विटामिन - इ , पॉलीअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है , जो मानसिक लचीलेपन और स्मृति जैसे कार्यो को बढ़ाने के लिए मददगार होते है। 

कैंसर रोग के लिए है उपयोगी 

अखरोट के अंदर पॉलीफिनोल तत्व पाया जाता है , जो कैंसर के रोग को नियंत्रित करने के लिए लाभकारी माना जाता है।  साथ ही शोध के अनुसार बताया गया है , यह कैंसर के ट्यूमर को भी शरीर के अंदर पनपने से रोकता है। अखरोट कैंसर की वजह से  शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को भी कम करता है। 

हड्डियों के लिए है फायदेमंद 

अखरोट में कैल्शियम और फॉस्फोरस के साथ साथ अल्फा लिनोलेनिक एसिड भी पाया जाता है। यह एसिड हड्डियों को मजबूत बनाये रखता है। अखरोट हड्डियों में होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग को भी प्रतिबंधित यानी रोकता है। अखरोट  हड्डियों में से आने वाली कट कट की आवाज को भी ख़त्म करता है और हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। 

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साथ ही अखरोट में प्रचुर मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है , जो की भूख को नियंत्रित कर वजन को कम करता है। अखरोट में कैलोरी और फैट भरपूर मात्रा में होने के बावजूद यह वजन कम करने में भी सहायक सिद्ध हुआ है। अखरोट में एंटी इंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते है , जो थकान और चिंता को भी कम करने में सहायक होते है। 

लो ब्लड प्रेशर में सहायक 

लो ब्लड प्रेशर की स्तिथि में व्यक्ति को चिड़चिड़ापन होना , चक्कर आना  आदि समस्याएं हो सकती है। साथ ही ब्लड प्रेशर के ज्यादा कम होने से व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।  इन सभी बीमारियों के लिए अखरोट का सेवन उचित माना जाता है। साथ ही ब्लड प्रेसर के बार बार घटने या बढ़ने से व्यक्ति को हृदय सम्बन्धी रोगों का भी सामना करना पड सकता है। 

अखरोट का तासीर गर्म होता है इसीलिए इसका सेवन सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में कम करना चाहिए। अखरोट खाने से बहुत से फायदे होते है। कुछ लोगो द्वारा इसका सेवन सूखे मेवे के रूप में और कुछ लोगो द्वारा इन्हे भिगोकर किया जाता है। जिन लोगो को पित की पथरी की समस्या है, उनके लिए भी ये बेहद लाभकारी है। अखरोट का सेवन सुबह खाली पेट भी किया जा सकता है। 

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हर किसी चीज के दो पहलू होते है, ऐसा ही नहीं अखरोट खाने से सिर्फ फायदे ही होते और कोई नुक्सान नहीं। अखरोट का अत्यधिक सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है। अखरोट का सेवन गर्मियों के समय में कम करें , क्योंकि अखरोट का तासीर गर्म होता है। साथ ही किसी गर्भवती महिला के लिए भी अखरोट का सेवन हानिकारक सिद्ध हो सकता है। इसीलिए डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसका उपयोग करें। साथ ही, अखरोट के छिलके में कई ऐसे तत्व पाए जाते है, जो त्वचा पर लाल रैसेज पैदा कर सकते है।

इस ड्राई फ्रूट की खेती से किसान कुछ समय में ही अच्छी आमदनी कर सकते हैं

इस ड्राई फ्रूट की खेती से किसान कुछ समय में ही अच्छी आमदनी कर सकते हैं

अखरोट एक उम्दा किस्म का ड्राई फ्रूट है। जब हम ड्राई फ्रूट्स की बात करते हैं, तो अखरोट का नाम सामने ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता है। साथ ही, अमेरिका अखरोट निर्यात के मामले में विश्व के अंदर प्रथम स्थान रखता है। हालांकि, चीन अखरोट का सर्वाधिक उत्पादक देश है। बतादें, कि अखरोट के माध्यम से स्याही, तेल और औषधि तैयार की जाती हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में ड्राई फ्रूट्स की खेती की जाती है। परंतु, इसकी खेती पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकांश होती है। ड्राई फ्रूट्स की मांग तो वर्षों से होती आई है। क्योंकि ड्राई फ्रूट्स के सेवन से शरीर को प्रचूर मात्रा में विटामिन्स और पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। साथ ही, इसकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि किसान भाई ड्राई फ्रूट्स का उत्पादन करते हैं, तो वह कम वक्त में ही मालामाल हो सकते हैं। हालाँकि, ड्राई फ्रूट्स संतरा, अंगूर और सेब जैसे फलों की तुलना में महंगा बेचा जाता है। साथ ही, इसको दीर्घ काल तक भंड़ारित कर के रखा जा सकता है। यह मौसमी फलों के जैसे शीघ्र खराब नहीं होता है।

भारत में कितने ड्राई फ्रूट्स का उत्पादन किया जाता है

दरअसल, भारत में अंजीर, काजू, पिस्ता, खजूर, बादाम, अखरोट, छुहारा और सुपारी समेत विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स की खेती की जाती है। परंतु, अखरोट की बात तो बिल्कुल अलग है। पहाड़ी क्षेत्रों में इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। जम्मू- कश्मीर भारत में इसका सर्वोच्च उत्पादक राज्य है। अखरोट की भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी काफी मांग है। इसकी खेती करने हेतु सर्द और गर्म, दोनों प्रकार की जलवायु अनुकूल मानी जाती है। परंतु, 20 से 25 डिग्री तक का तापमान इसके उत्पादन हेतु काफी अच्छा माना जाता है। ये भी पढ़े: अखरोट की फसल आपको कर देगी मालामाल जाने क्यों हो रही है ये खेती लोकप्रिय

अखरोट के पेड़ की ऊंचाई कितने फीट रहती है

बतादें, कि अखरोट की रोपाई करने से एक वर्ष पूर्व ही इसके पौधों को नर्सरी में तैयार किया जाता है। विशेष बात यह है, कि नर्सरी में ग्राफ्टिंग विधि के माध्यम से इसके पौधे तैयार किए जाते हैं। बतादें, कि 2 से 3 माह में नर्सरी में पौधे तैयार हो जाते हैं। अगर आप चाहें तो दिसंबर अथवा जनवरी माह में अखरोट के पौधों को खेत में रोपा जा सकता है। जम्मू- कश्मीर के उपरांत उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में भी सबसे ज्यादा अखरोट की खेती की जाती है। बतादें, कि इसके पेड़ की ऊंचाई लगभग 40 से 90 फीट तक हो सकती है।

यह ज्यादातर 35 डिग्री एवं न्यूनतम 5 डिग्री तक तापमान सह सकता है

अखरोट को सूखे मेवा बतौर भी उपयोग किया जाता है। अमेरिका अखरोट का सर्वोच्च निर्यातक देश है। हालांकि, चीन अखरोट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि अखरोट के माध्यम से स्याही, औषधि और तेल तैयार किया जाता है। ऐसी स्थिति में किसान भाई इसका उत्पादन कर बेहतरीन आमदनी कर सकते हैं। परंतु, इसका उत्पादन उस भूमि पर संभव नहीं है, जहां जलभराव की स्थित हो। साथ ही, अखोरट का उत्पादन के लिए मृदा का पीएच मान 5 से 7 के मध्य उपयुक्त माना गया है। अखरोट को ज्यादातर 35 डिग्री एवं न्यूनतम 5 डिग्री तक तापमान सहन कर सकता है। अखरोट के एक वृक्ष से 40 किलो तक उत्पादन हांसिल किया जा सकता है। बाजार में अखरोट की कीमत सदैव 700 से 1000 रुपये के दरमियान रहती है। आप ऐसी स्थिति में अखरोट के एक पेड़ के जरिए न्यूनतम 28000 रुपये की आमदनी की जा सकती है।